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क्या है प्रेम का असली अर्थ? जानिए इस कविता में छिपे गहरे भाव

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वक़्त का परिवर्तन

Kavitayein

Kavitayein वक़्त बदलता है

तुम्हारे हेयर पिन से, पार्क के यूकिलिप्टस के पेड़ों पर मैंने जो कविता लिखी थी, वह अब कहीं खो गई है।


उस दिन की दूधिया रोशनी में तुम्हारी यादें, उस सांझ का लाल सूरज, और टेसू के खिलने का समय, सब कुछ अब भी ताजा है।


फागुनी बयार में मन झूमता है, और मन-तन अब भी हरा-भरा है।


उस दिन मेरे हाथों में अनगिनत रंग थे, जिसने इंद्रधनुष का मान भंग किया।


पानी के भीतर बहना, यादों की परिधि में रहना, सब कुछ आज भी जस का तस है।


चुपचाप, मंद-मंद, तुम्हारी मुस्कान कीमती बटुए की तरह कसी हुई है।


हर समय के लिए साधना।


यादों के चेहरे पर खुशबू तैरती है, आंखों में तुम्हारी महक समाई हुई है।


जैसे देह का मौसम उतर आया हो।


तुम प्रेम हठ कर रही हो, मेरे उस प्रेम को तराश रही हो, जो अधूरा है।


क्योंकि तुम मेरा पहला प्यार नहीं हो, फिर भी मैंने कई बार तुम्हें अपने दिल की बात बताई।


तुमने फिर भी इसे नहीं माना।


तुमने स्नेह की डोर बांधने की कोशिश की, मन की बातें कीं।


तुमने मर्म भरे समय का स्मरण कराया, और अबूझ बातें कीं।


तुमने कहा कि तुम जानती हो अपनी जाति के अकेलेपन का रहस्य।


तुम्हारे अनुसार, मेरा होना तुम्हारे भीतर के हलचली हालात को संभालता है।


तुम्हें आसमान की चमक में हमारा चेहरा दिखता है।


तुम चाहती हो उन जगहों को देखना, जहां हमारा प्रेम जवां हुआ।


तुम हाथों पर प्रेम पाती लिखती हो, और अपनी ड्रेस पर शब्द उकेरती हो।


तुम्हारा चेहरा संवाद करने लगता है, ताकि तुम्हारी जीवन की किताब का कुछ भी अनपढ़ा न रहे।


तुमने इस घातक अंत को क्यों नहीं चिन्हित किया।


यह सब तुम्हारा सपना मुझे कभी तो बनाना होगा अपना।


क्योंकि मैं जानता हूं कि प्रेम में रणनीतियां औरत बनाती हैं।


प्रेम का पर्व पर्व

जिसे हम प्रेम कहते हैं, वह केवल भोगना नहीं है।


प्रेम का अनुभव करना है।


कबीर ने प्रेम में अक्षर पूरे नहीं किए, उसे अधूरा छोड़ दिया।


हम चाहते हैं कि एक संसार बनाएं, लेकिन मैं प्रेम में उस दुनिया को नहीं छोड़ सकता।


जो मेरे साथ चलती है, हवा की तरह।


क्या मैं किसी को छोड़कर किसी को अपनाना चाहता हूं? क्या यही प्रेम है?


प्रेम काटता नहीं, बांटता नहीं।


फिर हम क्यों चाहते हैं कि पुरानी दुनिया से अलग होकर प्रेम का रस चखें?


जब पुरानी और नई दोनों दुनिया ही हमारे प्रेम की कथा बताएंगी।


इसलिए हमें अपनी दुनिया बनानी होगी।


क्योंकि अगर कल प्रेम का पर्व मनाना है, तो कौन नाचेगा और कौन प्रेम कथा में रंग भरेगा।


हमें यह बताने के लिए दुनिया का संग चाहिए कि हमने प्रेम किया है।


इसलिए हर प्रेमी मिलकर नई और पुरानी दुनिया में रंग भरें।


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